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तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट-सीटीएलडी की ओर से ऑडिटोरियम में आयोजित वोकाबैडिक्ट्स-4.0 में परखा छात्रों का अंग्रेजी ज्ञान, श्री प्रेम प्रकाश मेमोरियल कॉलेज की टीम फेलकॉन्स द्वितीय तो तीसरे स्थान पर रही कुंथनाथ कॉलेज की टीम वेंगार्डस, वोकाबैडिक्ट्स 4.0 में मेडिकल कॉलेज को छोड़कर पूरी यूनिवर्सिटी की कुल 308 में से फाइनल में पहुंची केवल छह टीमें

ख़ास बातें
आदिनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन की टीम- सनशाइन रही अव्वल
प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल्स को स्ट्रांग वोकेबुलरी जरूरीः प्रो. वीके जैन
तर्कसंगत संचार के अनेकानेक अंग्रेजी शब्द आवश्यकः प्रो. एमपी सिंह
प्रतियोगिता का मकसद अंग्रेजी में अलग पहचान दिलानाः प्रो. कृष्णिया
1000 अनेक शब्दों के एक और समानार्थी शब्दों की तैयार की पुस्तिका

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सेंटर फॉर टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट-सीटीएलडी की ओर से यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में वोकाबैडिक्ट्स-4.0 में आदिनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन के अनन्य अग्रवाल, अंशिका यादव, लबीना फारूकी की टीम-सनशाइन विजेता रही। श्री प्रेम प्रकाश मेमोरियल कॉलेज के आकांक्षा कुमार, मिधत घदीर, सृष्टि जैसवाल की टीम फेलकॉन्स द्वितीय, जबकि कुंथनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन के कोनिका, वसुंधरा यादव, नैना पांडे की टीम वेंगार्डस तीसरे स्थान पर रही। इससे पहले वीसी प्रो. वीके जैन ने बतौर मुख्य अतिथि मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, सीटीएलडी के निदेशक प्रो. आरएन कृष्णिया, पैरामेडिकल के प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार, फार्मेसी के प्रिंसिपल डॉक अनुराग वर्मा, डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही। वीसी प्रो. वीके जैन ने अंग्रेजी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के विभिन्न कॉलेजों के कुल 924 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया, यह बड़ी बात है। उन्होंने उम्मीद जताई, अगले वोकाबैडिक्ट्स में 3000 से भी ज्यादा छात्र इसमें अपनी प्रतिभागिता दर्ज करेंगे। प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल्स के लिए स्ट्रांग वोकेबुलरी जरूरी है। ऐसी प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। संचालन स्टुडेंट्स तूलिका और रिद्धिमा ने किया।

डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह ने कहा, अपनी बातों को आज दुनिया के सामने तर्कसंगत रूप से रखने के लिए छात्रों के दिमाग में अनेक शब्द होने चाहिए। इससे वे कभी भी अंग्रेजी में बात करते या लिखते समय पीछे न रहें। सीटीएलडी के डायरेक्टर प्रो. कृष्णिया ने सीटीएलडी ट्रेनर्स की टीम और वालंटियर्स को प्रोत्साहित करते हुए कहा, हमारा मकसद है कि हम अपने छात्रों को अंग्रेजी की दुनिया में एक अलग पहचान दिला सकें। उल्लेखनीय है, छात्रों को अंग्रेजी के नए और क्लिष्ट शब्दों की पहचान कराने के लिए इस कार्यक्रम का नाम वोकाबैडिक्ट्स रखा गया है। छात्रों के लिए ट्रेनर्स की ओर से 1000 शब्दों की एक किताब तैयार की गई। इसमें विभिन्न प्रकार के शब्दों जैसे- अनेक शब्दों के एक शब्द, समानार्थी शब्द आदि का उल्लेख है। इसका उद्देश्य छात्रों का शाब्दिक ज्ञान बढ़ाना है। वोकाबैडिक्ट्स 4.0 में मेडिकल कॉलेज को छोड़कर पूरी यूनिवर्सिटी की कुल 308 टीम्स ने प्रतिभागिता किया। प्रत्येक टीम में कुल 3 छात्र थे। स्क्रीनिंग राउंड के आधार पर 70 टीम्स क्वार्टर फाइनल के लिए चुनी गईं, 70 टीम्स के बीच क्रॉसवर्ड पजल के साथ सेमी फाइनल के लिए 12 टीम्स का चयन हुआ, क्विज़ मास्टर श्री अंकित शर्मा ने 12 टीम्स के बीच प्रतियोगिता कराई, जिसमें से 6 टीमों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। फाइनल में 5 राउंड्स के माध्यम से वोकाबैडिक्ट्स 4.0 के तीन विजेता चुने गए। कार्यक्रम में कोर्डिनेटर डॉ. जैस्मीन स्टीफन, डिप्टी डायरेक्टर डॉ. दिलीप वार्ष्णेय, सुश्री चार्वी खत्री, श्रीमती अलका दयाल, श्री अतुल दयाल, श्री सागर प्रताप सिंह, सुश्री अन्वेषा सिसोदिया, सुश्री प्रांशी जादौन, श्रीमती मनी सारस्वत, श्री नवीन दुबे, श्री शिवम कश्यप, श्री अनंत भारदवाल, श्री प्रदीप पंवार, श्री दीपक कटियार, श्री पल्लव पांडे, श्री चंद्रभूषण सिन्हा आदि की मौजूदगी रही।

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