तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज़ एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी-सीसीएसआईटी में स्विचिंग, रूटिंग और वायरलेस एसेंशियल-एसआरडब्ल्यूई (सीसीएनए आईटीएन वी सेवन पॉइंट ज़ीरो टू) पर फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज़ एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी-सीसीएसआईटी में स्विचिंग, रूटिंग और वायरलेस एसेंशियल-एसआरडब्ल्यूई (सीसीएनए आईटीएन वी सेवन पॉइंट ज़ीरो टू) पर छह सप्ताह तक चले 36 दिनी फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम- एफडीपी का सफल समापन हो गया। सीसीएसआईटीमें संचालित सिस्को नेटवर्किंग एकेडमी की 6 सप्ताह की एफडीपी का शुभारंभ एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक एवं प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने बतौर मुख्य अतिथि किया। एफडीपी की शुरुआत विशेष सिस्को नेटवर्किंग लैब में एक ओरिएंटेशन सत्र के साथ की गई थी। प्रमाणपत्र वितरण समारोह में प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी, सीसीएसआईटी के वाइस प्रिन्सिपल प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना, सीसीएसआईटीके विभागाध्यक्ष डॉ. शंभू भारद्वाज, सीसीएसआईटी के प्रॉक्टर प्रो. आरसी त्रिपाठी, सीसीएसआईटी के सिस्को नेटवर्किंग एकेडमी के हेड और इंस्ट्रक्टर डॉ. प्रियांक सिंघल और सभी प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर्स की गरिमामई मौजूदगी रही। एफ़डीपी में कुल 21 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें 6 प्रतिभागियों ने एसआरडब्ल्यूई पाठ्यक्रम और 15 प्रतिभागियों ने आईटीएन पाठ्यक्रम पूरा किया। एफडीपी के दौरान, प्रतिभागियों ने सिस्को सर्टिफिकेट कोर्स-स्विचिंग रूटिंग और वायरलेस एसेंशियल, एसआरडब्ल्यूई और आईटीएन पूरा किया, जिसमें कुल 17 मॉड्यूल थे। उद्घाटन और प्रमाणपत्र वितरण कार्यक्रमों का संचालन सुश्री वंदना शर्मा और श्री शिवांश शर्मा ने किया।
एफओई एंड सीसीएसआईटीके निदेशक एवं प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में टीएमयू की सिस्को नेटवर्किंग एकेडमी के तहत एफडीपी के आयोजन की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा, फ़ैकल्टी मेम्बर्स को समृद्ध करने और उन्हें नेटवर्किंग डोमेन के प्रति अधिक व्यावहारिक अनुभव देने के उद्देश्य से यह एफडीपी बहुत आवश्यक थी। प्रो. द्विवेदी नेकहा,शिक्षकों में सीखने की तीव्र इच्छा होनी चाहिए तभी वे अपने डोमेन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि हमारी संस्था 2010 से सफलतापूर्वक सिस्को नेटवर्किंग एकेडमी चला रही है। डॉ. प्रियांक सिंघल ने अपने स्वागत भाषण में बताया, सिस्को दुनिया की नंबर एक कंपनी है। उन्होंने बताया, इस एफ़डीपी में कुल छह मॉड्यूल हैं, जो 17 चैपटर में विभाजित हैं। हर एक मॉड्यूल का मूल्यांकन ऑनलाइन लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षा के द्वारा किया गया, जिसमें सफल हुए पंजीकृत शिक्षकों को यह सर्टिफिकेट दिया गया। उन्होंने बताया,एफ़डीपी में पंजीकृत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें उन्होंने थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी किया।एफ़डीपी के दौरान प्रतिभागियों ने सिस्को नेटवर्किंग अकादमी प्लेटफॉर्म पर प्रशिक्षक से उचित मार्गदर्शन के जरिये एसटीपी और ईथर चौनल का उपयोग करके स्विच किए गए नेटवर्क पर अतिरेक की समस्या के निवारण के बारे में भी सीखा। इस दौरान, स्विचिंग अवधारणाएँ, वीएलएएन, और इंटर-वीएलएएन रूटिंग, निरर्थक नेटवर्क, उपलब्ध और विश्वसनीय नेटवर्क, एल2 सुरक्षा और डब्लूएलएएन रूटिंग अवधारणाएँ और कॉन्फ़िगरेशन इत्यादि जैसे कुल 17 मॉड्यूल्स पर प्रशिक्षण दिया गया। एफडीपी को सुचारू रूप से पूरा करने में श्रीमती शिखा गंभीर, श्री निखिल सक्सेना, श्री रवींद्र प्रताप सिंह, श्री अभिषेक सक्सेना, डॉ. संदीप वर्मा और बी.एससी. एनिमेशन तृतीय सेमेस्टर के स्टुडेंट्स कार्तिक विश्नोई और अदिति झा का विशेष योगदान रहा।