गदरपुर । श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन प्रथम प्रकाश पर्व के अवसर पर ग्राम बांस खेड़ी के गुरुद्वारा साहिब में सालाना गुरमत समागम आयोजित किये गये, जिसमें वक्ताओं ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की वाणी एवं उपदेशों को आत्मसात करने के साथ गुरुमुखी पंजाबी अक्षर ज्ञान प्राप्त करने का भी आह्वान किया। इस दौरान 14 प्राणियों ने अमृत छककर गुरु वाले बनने का संकल्प लिया । इस मौके पर गुरुद्वारा साहिब के जत्थेदार बाबा जागीर सिंह ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रथम प्रकाश पर्व तथा संत सिपाही बाबा वडभाग सिंह जी के जन्म दिहाड़े के शुभ अवसर पर 32 वें सालाना गुरमत समागम आयोजित किए गए । जिसमें श्री अमृतसर के ग्राम ऐतिहासिक ग्राम पहू विंड से आए ढाढ़ी जत्था भाई मनवीर सिंह द्वारा गुर इतिहास श्रवण करवा कर संगत को अनमोल जानकारियां प्रदान की । वहीं बरेली के रागी जत्था भाई सतवंत सिंह द्वारा “धुर की बाणी आई तिन सगली चिंत मिटाई तथा आवो सिख सतगुरु के प्यारेओ गावो सच्ची वाणी” सहित मधुर स्वरों में गुरबाणी गायन करके संगत को आनंदित किया । वहीं ज्ञानी भजन सिंह द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब की कथा, भाई अभिजीत सिंह द्वारा गुरबाणी कीर्तन, भाई अजैब सिंह केला खेड़ा एवं भाई बलविंदर सिंह के कवीशरी जत्थे द्वारा इतिहास श्रवण कराया गया इस दौरान भारी संख्या में संगत द्वारा सहभागिता करने के उपरांत अरदास में शामिल होकर गुरु का लंगर रूपी प्रसाद भी ग्रहण किया ।वहीं श्री नानकमता साहिब की गुरमत कमेटी द्वारा आयोजित किए गए अमृत संचार कार्यक्रम में 14 प्राणियों ने अमृत पान कर गुरु वाले बनने का संकल्प लिया कार्यक्रम का संचालन भाई अमरिंदर सिंह द्वारा किया गया ।इस दौरान भारी संख्या में संगत द्वारा सर्वत्र सुख शांति की अरदास करते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।