भगवान के विषय में अक्सर लोग बातें करते हैं यदि इस संसार में ईश्वर मौजूद हैं तो प्रत्यक्ष दिखाई क्यों नहीं देते इसी विषय को लेकर मनीषीजन,ज्ञानीजन,संत जन बताते हैं अपनी वाणी से विचार प्रकट करते हैं कि जैसे हवा बहती है परंतु दिखाई नहीं देती जैसे फूलों में खूशबू है परन्तु दिखाई नहीं देती परन्तु उसे सूंघकर ही महसूस किया जा सकता है जन्म लेने की जटिल प्रक्रिया, शिशु के जन्म से पहले ही उसकी माता के आंचल में दूध का उतरना, तरबूज में बीजों का आना,मजबूत नारियल मे कोमल गिरी व मीठा पानी कहां से आता है गन्ने में मिठास कैसे आती है आम के फल पर आम व अमरूद के वृक्ष पर केवल अमरूद ही क्यों आते हैं सभी फूलों व फलों रंग ,स्वाद व गुणों में तब्दीली। सभी जीव-जंतुओ में स्वाभाव,आकार,बनावट का भेद आकाश में बादलों का बनना समुद्र में लहरों का बनना व उठना। कुत्ता,गधा व सुअर में भेदभाव क्यों है सबके कर्मो के हिसाब से उन्हें अलग-अलग शरीर मिले हैं जन्म व मृत्यु की प्रक्रिया व जीवन यात्रा की प्रक्रिया मृत्यु के बाद आत्मा का गमन किस लोक में होता है नवजीवन कैसे प्राप्त होता है प्रलय व सृजन की प्रक्रिया जो सिर्फ परमेश्वर ही जानतें हैं सूर्य का समय पर उदय व अस्त होना सुर्य के प्रकाश से चंद्रमा का प्रकाशित होना व तारामंडल का टिमटिमाना।सृजन व प्रलय की प्रक्रिया अनेको लोकों, बाहमांडो, व ग्रहों को एक अनुशासित प्रक्रिया तहत संचालित कैसे व कौन कर रहा है। ब्रह्म जिसके अस्तित्व पर सृष्टि के अस्तित्व का कोई प्रभाव नही पड़ता अर्थात जो सनातन है यह कोई अदृश्य प्राकृतिक शक्ति है व समय-समय पर इस संसार में भी साकार रूप में प्रकट हो संसार के कार्यों को व्यवस्थित व संचालित करती है जो इस संसार को चलायमान कर रही है यह वेदों,पुराणों ने भी ईश्वर के अस्तित्व को सिद्ध किया है।
प्रस्तुति–नरेश छाबड़ा
आवास -विकास रूद्रपुर
8630769754