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अमेरिका के एक शहर डेट्रायट में एडवर्ड नाम का एक लड़का रहता था उसके पिता की मृत्यु हो चुकी थी मां एंजिला लोगो के घरों में काम करके अपना व एडवर्ड का गुजारा करती थी। एडवर्ड शर्मीले स्वभाव का लड़का था एक दिन स्कूल से लौटकर उसने एक पत्र मां को पकड़ाया और कहा मां ये शिक्षक ने भेजा है पता नहीं क्या लिखा है। चिठ्ठी में सच लिखा मां छिपाया उसे खाने के लिए कह अन्दर भाग गयी फिर उस पत्र को ध्यान से पढ़ने लगी फिर उसके पास आकर बोली, इसमें शिक्षक ने लिखा है बेटा, कि एडवर्ड बहुत होशियार बालक है। हमारे पास इसे पढ़ाने लायक शिक्षक नहीं है इसलिए इसे किसी और स्कूल में भेजे ।एडवर्ड स्कूल छुटने से स्कूल -साथियों के छुटने से बहुत दुःखी हुआ परन्तु मां की बातें सुनकर उसका मन आत्मविश्वास से भर उठा। मां ने उसका दाखिला दुसरे स्कूल में करा दिया वहां एडवर्ड ने खूब मेहनत से पढ़ाई की, पढ़-लिख कर बड़ा होकर वह एक सफल व्यवसायी बना।परन्तु एडवर्ड की मां एक दिन बिमारी के कारण चल बसी एक दिन उसकी नज़र अलमारी में पड़े पुरानी चिट्ठी पर पड़ी वह हैरान सा उसे देखकर पड़ने लगा यह वही चिठ्ठी थी जो शिक्षक ने बचपन उसे दी थी।जो उसकी मां ने अलमारी में ऊपर छुपाकर रख छोड़ी थी उसमें शिक्षक ने लिखा था कि आपका बेटा पढ़ाई में बहुत कमजोर है इसकी बुद्धि विकसित नहीं हुई है हम उसे यहां नहीं पढ़ा सकते तब उसे अहसास हुआ कि मां ने कैसे सच छुपाकर उसका आत्मविश्वास बढ़ाकर और उसकी जिंदगी बदल दी थी उस चिठ्ठी को पढ़कर को पढ़कर एडवर्ड के नेत्र सजल हो गये थे परन्तु मां का आभार व्यक्त करने के लिए अब मां भी उसके पास नहीं थी मुंह से अनायास ही निकल पड़ा ईश्वर होने का सबसे बड़ा प्रमाण है कि हर व्यक्ति के पास मां है ।हमे उसका हर पल शुक्रगुजार होना चाहिए ।
नरेश छाबड़ा आवास विकास, रूद्रपुर 8630769754

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