गदरपुर । भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक द्वारा हरिद्वार में 9 से 11 जून 2024 तक आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के किसानों व उनकी विभिन्न समस्याओं के संबंध में चर्चा कर करने के दौरान उनके सुझाव आए। साथ ही किसानों की समस्याओं का समाधान अविलंब करने की मांग की गई। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आए सैकड़ो किसानों ने सहभागिता कर प्रस्तावों पर सहमति जताई। भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के प्रदेश अध्यक्ष सलविंदर सिंह कलसी ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा, उत्तराखंड राज्य की पहाड़ी, भूगोल और परिस्थितियों ही ऐसी हैं कि खेती योग्य जमीन कुल भूमि का केवल 10 से 15% है साथ ही प्रति परिवार औसतन एक हेक्टेयर से कम जमीन है इसलिए पहाड़ों की आबादी के अस्तित्व के लिए फसलों की एमएसपी तय करना व उसकी खरीद की व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है । खेती से आमदनी नहीं होने के चलते अधिकांश लोग मैदानी इलाकों में पलायन कर गए हैं, लेकिन अब आपकी सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को प्रोत्साहन दे रही है और खेती को रोजगार के रूप में देखा जा रहा है । यहां के किसानों की आय की बढ़ोतरी के लिए विभिन्न सुझाव दिए गए हैं जिनमे उत्तराखंड के फल सब्जी उत्पादन के लिए एमएसपी का प्रावधान किए जाने, उत्तराखंड के गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए बेहतर व्यवस्था लागू किए जाने ताकि 14 दिन से अधिक विलंब ना हो अन्यथा ब्याज की व्यवस्था कानून द्वारा किए जाने, उत्तराखंड में प्रधानमंत्री के साथ सम्मान निधि योजना व मुख्यमंत्री किसान सम्मन निधि योजना दोनों के अंतर्गत किसानों को सालाना 10000 की सम्मान निधि दिए जाने का प्रावधान किए जाने, जिस वर्ग 4 की कृषि भूमि को वर्ग 5 में दर्ज किया गया है उन्हें पुनः वर्ग 4 में दर्ज कर किसानों के पक्ष में नियमितीकरण कर मालिकाना हक प्रदान किए जाने,बंजर में दर्ज भूमि जिसे किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से कृषि योग्य बनाया किसानों को मालिकाना हक दिए जाने, सभी प्रकार की कृषि भूमि का नियमितीकरण 2018 की नीति के अनुरूप ही शुल्क लेकर मालिकाना हक दिए जाने, भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक की मांग पर यूपी में ट्यूबवेल मोटर बिजली बिल निशुल्क किए जाने की तर्ज पर उत्तराखंड में किसानों का भी नलकूप, मोटर बिजली बिल निशुल्क किए जाने ,बाजपुर के 20 गांवों की कृषि भूमि का मालिकाना अधिकार काबिज लोगों को अति शीघ्र दिए जाने, आवारा पशुओं को गौशाला में भेजे जाने यदि जरूरत हो तो नई गौशालाओं का भी निर्माण किए जाने ,जिला उधम सिंह नगर में वाटर लेवल घटना के क्रम जैसे अनुचित खनन एवं उद्योगों ,रेताक्रेशरों इत्यादि के द्वारा विभागीय अनुमति से अत्यधिक जल दोहन किया जा रहा है उस पर रोक लगाए जाने की मांग शामिल है ।








