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पूर्व राज्य मंत्री एवं उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की सदस्य श्रीमती इंदु मान ने कहा कि उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बहुत से प्राइमरी, जूनियर, हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट विद्यालयों में शिक्षकों एवं कक्षाओं की घोर कमी है। विद्यालयों की बड़ी संख्या को एक दूसरे में मिलाने के नाम पर कम कर दिया गया है जिसके चलते उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं बहुत दूर दूर तक पैदल चलने के अलावा अन्य बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, उनकी प्रतिदिन की दिनचर्या सुविधाजनक नहीं रहती जिससे कि वह तनाव में रहते हैं तथा पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं।

जानी-मानी शिक्षाविद् श्रीमती इंदु मान ने कहा कि छात्र-छात्राओं को इन विद्यालय में दाखिले लेने में भी अनेक कठिनाइयों को झेलना पड़ रहा है।

यदि काशीपुर की बात करें तो यहां महाराणा प्रताप चौक के पास स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शहर के मुख्य बिंदु पर स्थित है जो कि लगभग 70 वर्ष पुराना है। वर्तमान में वहां लगभग 2000 छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। विद्यालय की बिल्डिंग बहुत पुरानी हो चुकी है जिसकी काफी समय से मरम्मत व रंगा पुताई भी नहीं की गई है तथा बरसात में पानी भी टपकता है। उन्होंने कहा कि यह सब दर्शाता है कि उत्तराखंड सरकार शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय को लेकर कितनी गंभीर एवं संजीदा है।

पूर्व राज्य मंत्री श्रीमती इंदु मान ने कहा कि शिक्षा के प्रति उत्तराखंड सरकार की यह घोर लापरवाही चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में कक्षाओं की काफी समय से कमी चल रही है। मानक के अनुसार भी विद्यालय में 10 कक्षाओं का निर्माण होना अति आवश्यक है।

उन्होंने आगे कहा कि जानकारी करने पर पता चला कि शिक्षा विभाग को बार-बार मांग एवं रिमाइंडर भेजने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है जिसका खामियाजा आज छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है यहां तक कि छात्राओं को जमीन पर बैठकर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि जब तक कक्षाओं का निर्माण नहीं हो जाता, हल्द्वानी की तर्ज पर,सरकार एवं अधिकारियों को सायंकालीन कक्षाऐं लगाने का प्रबंध करना चाहिए।
श्रीमती इंदु मान ने कहा कि जहां उत्तराखंड सरकार लगातार अपने गुणगान करने में लगी रहती है हर समय विकास की बात करती है दूसरी तरफ यदि देखा जाए तो शिक्षा मूलभूत आवश्यकताओं व समाज निर्माण का मुख्य बिंदु है और शिक्षा का स्तर उच्च होने के बजाय लगातार निम्न स्तर का होता जा रहा है आज की युवा बालिकाएं कल का भविष्य हैं जिस तरह की शिक्षा व संस्कारों उनको दिए जाएंगे उसी तरह का निर्माण हमारे प्रदेश का होगा।
उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष के बाद भी शिक्षा का यह स्तर देखकर हम निकट भविष्य में विकसित भारत की आशा कैसे कर सकते हैं।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री श्रीमती इंदु मान ने कहा कि वह उत्तराखंड सरकार से अपील करती हैं कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की ओर गंभीरता से ध्यान दें। शिक्षा का स्तर बढ़ने के शीघ्र प्रयास किए जाएं जिससे कि उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं का भविष्य उज्जवल हो और हमारा प्रदेश विकास कर सके।

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