गदरपुर । सिख इतिहास के 40 मुक्तोँ के शहीदी दिवस पर पांच बुजुर्ग सेवादारों को विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से शाल भेंट कर सम्मानित किया गया । ग्राम शोका नगला के गुरुद्वारा साहिब में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सहज पाठ के भोग एवं भाई कुलदीप सिंह द्वारा शबद कीर्तन के साथ किया गया
उत्तराखंड सिख मिशन के प्रचारक भाई हरजिंदर सिंह बताया कि मुगलों के साथ जंग के मैदान में गुरु गोविंद सिंह का साथ छोड़कर एवं सेवा का त्याग पत्र देकर 40 सिख सैनिकों द्वारा जब अपने घर पहुंच कर गुरु गोविंद सिंह के चार साहिब जादों एवं माता की शहादत एवं अन्य शहीदों का वृतांत सुनाया तो एक बुजुर्ग माता भाग कौर द्वारा उन्हें दोबारा गुरु की शरण में जाने की प्रेरणा दी , इस दौरान मुगल सैनिक जो कि गुरु गोविंद सिंह का पीछा कर रहे थे, के साथ 40 सिख सैनिकों की भयानक जंग हुई,जिसमें 40 सिख सैनिक शहीद हो गए थे कुछ समय पश्चात उधर से गुरु गोविंद सिंह जी इस जंग के मैदान में मुक्तसर साहिब पहुंचे और वचन करते हुए उनकी गलतियों को माफ किया आज भी 40 मुक्तों की याद में गु, मुक्तसर साहिब पंजाब में उनकी याद में भारी जोड़ मेला सजाया जाता है । प्रचारक देवेंद्र सिंह द्वारा मकर संक्रांति पर माघ मास की कथा करते हुए सभी को नाम स्मरण करने का आह्वान किया । शहीदों का इतिहास श्रवण कराते हुए संगत को अमृत छक कर गुरु वाले बनने का आह्वान किया । कार्यक्रम में तनवीर कौर, हरमनदीप कौर, जशनदीप कौर एवं लक्षद्वीप सिंह ने सुंदर कविताओं का वाचन किया । ग्रंथी भाई रणजीत सिंह द्वारा सर्वत्र सुख शांति की अरदास की गई ।वहीं नौजवानों द्वारा गुरु साहिब के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प भी लिया गया ।इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी शोका नगला,गुरुद्वारा सिंह सभा केलाखेड़ा ,उत्तराखंड सिख मिशन ,सिख प्रचारक सभा ,सिख मिशनरी कॉलेज सर्किल गदरपुर एवं ग्रंथी सभा द्वारा एक मत होकर 5 बुजुर्ग सेवादारों को सम्मानित किया गया जिनमें 100 वर्षीय बाबा खड़क सिंह, जगतार सिंह, रणजीत सिंह, गुरदयाल सिंह एवं परमजीत सिंह शामिल थे । इस दौरान संगत ने बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारों के साथ बुजुर्गों का स्वागत किया । इस मौके पर परमजीत सिंह,सतनाम सिंह, गुरमीत सिंह, मनप्रीत सिंह, हरजीत सिंह,डॉ,मनोहर सिंह, शरण सिंह,रणजीत सिंह, रंजीत सिंह नरेश सिंह सहित तमाम संगत शामिल थी ।







