
कस्बे के बीचोबीच सड़क किनारे और एक घर के ठीक सामने लगा ट्रांसफॉर्मर लोगों के लिए खतरा बन गया है। यह ट्रांसफॉर्मर दान सिंह भंडारी के घर के सामने स्थित है। परिवार का कहना है कि छोटे-छोटे बच्चों के कारण हर वक्त डर बना रहता है कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए।
खुले में खतरा ट्रांसफॉर्मर के चारों ओर बैरिकेडिंग है, लेकिन ऊपर से बिजली की कई तारें लटक रही हैं, जो खतरे को और बढ़ा रही हैं। बरसात में या अचानक शॉर्ट सर्किट होने पर बड़ी दुर्घटना हो सकती है। बाजार के बीच होने के कारण यहां से रोजाना बड़ी संख्या में लोग गुजरते हैं।
शिकायतों के बाद भी नहीं सुधरे हालात
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संबंध में कई बार बिजली विभाग और जिम्मेदार अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दान सिंह भंडारी कहते हैं:
“हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं। घर के ठीक सामने यह ट्रांसफॉर्मर है, बच्चों को बाहर खेलने से डर लगता है।”
लोगों की राय


“बरसात में तो खतरा और बढ़ जाता है, कहीं से भी स्पार्क हो सकता है।” – एक राहगीर
सामाजिक कार्यकर्ता की अपील
सामाजिक कार्यकर्ता शकुंतला दत्ताल कहती हैं:
“यह ट्रांसफॉर्मर बाजार और आबादी के बीच है। हर रोज बच्चे और बुजुर्ग यहां से गुजरते हैं। विभाग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो।”
प्रशासन से अपील
लोगों ने जिला प्रशासन और ऊर्जा विभाग से मांग की है कि इस ट्रांसफॉर्मर को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए या इसके चारों ओर मजबूत सुरक्षा कवच लगाया जाए।
विभाग का पक्ष
इस मामले में हमारी बात जौलजीवी सब स्टेशन के अपर अभियंता जितेंद्र भट्ट से हुई, तो उन्होंने कहा:
“यह प्रकरण हमारे संज्ञान में है। शिकायतकर्ता को कई बार इस विषय में अवगत कराया गया है। फिलहाल मामला लंबित है। इसके साथ ही ट्रांसफॉर्मर में बार-बार फ्यूज जलने की जो दिक्कत है, उसका समाधान भी जल्द किया जाएगा।”






