गदरपुर/हल्द्वानी,
नटराज नृत्य कला केंद्र में सोमवार को पारंपरिक उल्लास और पर्यावरणीय चेतना के साथ हरेला पर्व मनाया गया। इस अवसर पर केंद्र की निदेशिका वंदना शर्मा एवं सह-निदेशिका सुहानी शर्मा की उपस्थिति में विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। हरियाली और लोकसंस्कृति से सराबोर इस आयोजन ने न केवल प्रकृति के प्रति प्रेम और संरक्षण का संदेश दिया, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को भी नई पीढ़ी से जोड़ा।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यार्थियों द्वारा हरे पौधे रोपकर की गई, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास का संदेश छिपा था। इसके बाद बच्चों ने लोकगीत, पारंपरिक नृत्य और कविता पाठ की शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। कनिष्का पंत, रिशिका फुलारा,वेदांशी,श्रष्टि कार्की,श्रष्टि,आरात्रिका,सीरत, पीहू,इशिता,शिवांशी,साक्षी, अविका पांडे,अविका तिवारी, यशिका और खुशी जैसे प्रतिभागी बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम में दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
इस अवसर पर निदेशिका वंदना शर्मा ने कहा, “हरेला केवल एक पर्व नहीं,बल्कि प्रकृति से जुड़ाव और उसके संरक्षण का संकल्प है। हमें यह समझना होगा कि हर पौधा भविष्य की एक साँस है, जिसे हमें सहेजना होगा।”उन्होंने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती हैं। कार्यक्रम में स्थानीय अभिभावकों,समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। सभी ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की और इस प्रकार के आयोजनों को समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
हरेला पर्व पर नटराज नृत्य कला केंद्र का यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक समारोह था,
बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता और बच्चों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता जगाने की एक प्रभावशाली पहल भी सिद्ध हुआ।







