तीन दर्जन बच्चों ने सजाई सुंदर दस्तार
पुत्र रत्न की प्राप्ति पर दर्जनों परिवारों ने किया ढोल नगाड़ों से गुरु का धन्यवाद
गदरपुर । राष्ट्रीय राजमार्ग 74 पर स्थित ग्राम नवाबगंज खेड़ा लेबड़ा दोराहा के पास स्थित गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा जी साहिब में वार्षिक जोड़ मेले के दौरान सजाए गए कार्यक्रम में रागी,ढाढी प्रचारकों द्वारा बाबा बुड्ढा जी के समाज को योगदान तथा जुल्म के खिलाफ जंग करने तथा खालसा राज्य की स्थापना करने वाले वाले बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वारा किए गए सरहिंद फतेह दिवस पर विस्तार से चर्चा कीगई । वक्ताओं ने कहा, गुरु गोविंद सिंह के दो छोटे पुत्रों जोरावर सिंह ,बाबा फतेह सिंह तथा माता गुजरी जी को शहीद करने वाले मुगल वजीर खान को खत्म करके सरहिंद पर खालसा राज का झंडा फहराने वाले बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वारा आज ही के दिन फतेह प्राप्त की थी । जिन्होंने जमींदारी प्रथा का समापन करके आम लोगों को जमीनों के मालिक बनाया था । इस दौरान रागी भाई वीर सिंह नामधारी, कविश्री जत्था सरबजीत सिंह शौकी, कथावाचक हरप्रीत सिंह और कवि श्री जत्था भाई बलविंदर सिंह, कुलदीप सिंह एवं अंग्रेज सिंह,सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना की गदरपुर इकाई के कथावाचक देवेंद्र सिंघ द्वारा बाबा बंदा सिंह बहादुर के आदर्शों पर चलकर जुल्म के खिलाफ एक जुट होने का आहवान किया गया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से पहुंचे गुरुद्वारा नानकसर ठाठ बाजपुर के बाबा प्रताप सिंह एवं बाबा अमरजीत सिंह के जत्थे द्वारा संगत को गुरबाणी, कथा, कीर्तन एवं ऐतिहासिक पक्षों से अवगत कराते हुए गुरु वाले बनने का आह्वान किया गया । बाबा भगवत भजन सिंह ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा,गुरु अमर दास जी के प्रकाश पर्व, बाबा बुड्ढढा जी की स्मृति और सरहिंद फतेह दिवस को समर्पित 57 वां जोड़ मेला धूमधाम से मनाया गया जिसका शुभारंभ 57 वर्ष पूर्व बाबा जसवंत सिंह द्वारा करवाया गया था । जोड़ मेले के दौरान संगत द्वारा पुत्र रत्न की प्राप्ति एवं अन्य मन्नत मानी जाती है जिनके पूरा होने पर परिवार सहित ढोल नगाड़ों बैंड बाजों से धन्यवाद करने गुरुद्वारा साहिब में आते हैं इस दौरान देश-विदेश से आई हजारों की संख्या में संगत ने सहभागिता करते हुए गुरु का लंगर रूपी प्रसाद भी ग्रहण किया बाबा भगवान सिंह ने बताया कि जो भी धन संगत द्वारा अपनी कमाई से गुरु की सेवा में अर्पित किया जाता है उसका कुछ हिस्सा जरूरतमंदों की सहायता के लिए भी प्रदान किया जाता है बाबा बलजीत सिंह ने बताया कि हर पूर्णिमा को निर्मल तख्त तालाब नवाबगंज खेड़ा नंबर 4 जो राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोराहा के पास स्थित है भारी दीवान सजाए जाते हैं जिसमें वक्ताओं द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान करने के साथ गुरु का लंगर भी आयोजित किया जाता है। बाबा भगवंत भजन सिंह द्वारा तीन दर्जन से अधिक बच्चों एवं नवयुवकों को सुंदर दस्तार सजाकर गुरु की शिक्षाओं पर चलने का आशीर्वाद दिया ।








