आज समिति की अध्यक्षा श्रीमती ऊषा नरेन्द्र जैन ने बताया कि आज मदर्स डे के उपलक्ष में हमारी संस्था ने आज मदर्स डे मनाया। इस कार्यक्रम में संस्था की सभी प्रमुख सदस्यों ने अपने बच्चों सहित हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में सभी बच्चों ने अपनी मां के लिए कविता पाठ किया जिसमें उन्होंने अपनी मां के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।
इसके बाद संस्था के सदस्यों ने अपने विचारों को व्यक्त किया।
सबसे लास्ट में डॉ ऊषा नरेन्द्र जैन ने अपने विचारों को व्यक्त किया । उन्होंने बताया कि एक मां होना क्या होता है। जिस दिन पहली बार मालूम चलता है कि उनके गर्भ में बच्चे है ,उस दिन से ही एक अलग ही अहसास होने लगता है।
मां जैसा वात्सल्य भाव उमड़ने लगत है।उन्होंने बताया कि मां बनना मौत को छू कर आने के बराबर होता है।
बहुत दर्दकारी प्रकिया है मा बनना।
लेकिन फिर भी हर औरत मां बनना चाहती है।
उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी बच्चों को शपथ भी दिलवाई कि आज से शपथ ले की जिस काम से मां को परेशानी होती है। झुंझलाहट होती है, ऐसे किसी भी काम को नहीं करेंगे।
ओर जितना हो सके उतना अपना नित्य कर्म खुद करेंगे।
आज के कार्यक्रम का संचालन राधा सुभाष जी ओर लीलावती अधिकारी ने संयुक्त रूप से किया ओर इनके साथ साथ आज के कार्यक्रम में कविता जी, सुमन जी ,अनीता जी, निर्मती जी, सरोजजी, आदि लोग उपस्थित थे ।
बच्चों में सार्थक जैन,गौरा जैन







