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उप जिला चिकित्सालय का दर्जा तो मिला पर सुविधा पुरानी। चिकित्सकों के बैठने तक जगह नहीं।

चंपावत जिले के लोहाघाट के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला चिकित्सालय का दर्जा तो दे दिया गया है। पर सुविधा अभी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चल रही है। तीन ब्लाकों का मुख्य केंद्र होने के कारण यहां मरीजों का काफी ज्यादा दबाव रहता है। वर्तमान में अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होने के चलते काफी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे। लेकिन अभी भी अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवनों में ही चल रहा है। जिस कारण जगह कम होने से चिकित्सकों को मरीजों का उपचार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।चिकित्सकों के बैठने के लिए अस्पताल में कक्षो की काफी कमी है। अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मरीजों के लिए किसी तरह 35 बेड की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर, ओपीडी कक्ष, वार्ड रूम, स्टोर, लेब रूम , कार्यालय आदि के लिए जगह की काफी कमी पड़ रही है। अस्पताल प्रबंधन के द्वारा किसी तरह काम चलाया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन को भी जगह की कमी के चलते काफी दिक्कतों का सामना वर्तमान में करना पड़ रहा है। किसी तरह काम चलाया जा रहा है। जगह की कमी का खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ता है। जबकि अस्पताल को उप जिला चिकित्सालय का दर्जा मिले काफी लंबा समय बीत चुका है। पर व्यवस्थाएं वही पुरानी चल रही है। जबकि अस्पताल प्रशासन के पास खुद की 26 नाली से अधिक भूमि पड़ी हुई। मरीजो के बढ़ते दबाव के चलते अब लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय को जल्द ही नए भवन की जरूरत है। कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शंकर सिंह बोहरा व पूर्व सभासद राजकिशोर शाह ने सरकार से लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय के नए भवन की मांग की है कहा दूर दूर क्षेत्र से आने वाले मरीजों को अस्पताल में समुचित सुविधाएं मिलनी चाहिए सरकार ने अस्पताल को उप जिला चिकित्सालय का दर्जा तो दे दिया पर व्यवस्थाएं वहीं पुरानी है।अस्पताल में चिकित्सकों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह तक मौजूद नहीं है कहा अस्पताल का आईसीयू सफेद हाथी बना हुआ है। उन्होंने ने सरकार से जल्द से जल्द उप जिला चिकित्सालय के नए भवन के निर्माण की मांग की ह

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