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मुख्यमंत्री के जिले चंपावत में स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। शनिवार को लोहाघाट निवासी अनिल अपनी पत्नी को लेकर अल्ट्रासाउंड कराने चंपावत जिला अस्पताल पहुंचे। जहा रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रदीप बिष्ट के द्वारा उन्हें अल्ट्रासाउंड करने से सीधे तौर पर मना कर दिया गया ।जबकि अनिल के द्वारा डॉक्टर से अल्ट्रासाउंड करने के लिए कई बार रिक्वेस्ट की गई फिर भी डॉक्टर ने अनिल को साफ मना कर दिया। इस बात को लेकर अनिल और डॉक्टर के बीच तीखी बहस हो गई। जिसका अनिल के द्वारा वीडियो बना लिया गया ।वीडियो में डॉक्टर प्रदीप बिष्ट साफ़ कह रहे हैं लोहाघाट और बाराकोट के मरीजों का जिला चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंड नहीं करेंगे क्योंकि वह पहले से ही ओवरलोड चल रहे हैं। लोहाघाट में हफ्ते में तीन दिन रेडियोलॉजिस्ट के द्वारा अल्ट्रासाउंड किए जा रहे हैं तो आप अपना अल्ट्रासाउंड वही कराए। मामला सीएमओ चंपावत डॉक्टर देवेश चौहान के संज्ञान मे आया उन्होंने कहा जिले का कोई भी व्यक्ति जिले के किसी भी अस्पताल में अपना इलाज व अल्ट्रासाउंड कर सकता है।कहा मामले में संज्ञान लिया जाएगा । अल्ट्रासाउंड न होने पर अनिल के द्वारा दो हजार रुपए खर्च कर प्राइवेट अस्पताल में अपनी पत्नी का अल्ट्रासाउंड किया गया। कहा गरीब आदमी दो हजार रुपए अल्ट्रासाउंड के लिए कहा से लाएगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के जिले में मरीजों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है जो काफी गंभीर मामला है । वही लोगों ने कहा लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट के द्वारा पूरे महीने की तनख्वाह लेने के बावजूद मात्र 15 दिन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड किए जा रहे हैं स्वास्थ्य महकमा खामोश बैठा हुआ है। लोगों ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में पूरे हफ्ते अल्ट्रासाउंड सेवा सुचारु करने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक लोहाघाट की रेडियोलॉजिस्ट के द्वारा इस्तीफा देने की धमकी देकर अधिकारियों पर दबाव बनाया गया है। फिलहाल मामले को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है।

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