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वसुधैब कुटुम्बकम् के माध्यम से समाज मे फैल रही जागरूकता, 16वां नेत्रदान सम्पन्न

आज दिनांक 19 अप्रैल को, श्री मति सुदेश रानी पोपली जी ( पत्नी श्री कन्हैया पोपली जी – माजू ) के देहावसान के पश्चात उनके सुपुत्र श्री राजन पोपली जी, श्री मनोज पोपली जी ने नेत्रदान की सहमति प्रदान कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। पोशाकी लाल जी की मृत्यु के बाद भी अब उनकी आंखें दुनिया देखती रहेगीं। उनके नेत्रदान से दो नेत्रहीनों के नेत्र प्रकाशित होंगे और उनके प्रिय जन उनकी स्मृति को अमरत्व प्रदान करेंगे। नई सब्जी मंडी निवासी श्री मति सुदेश रानी पोपली जी स्वयं समाज सेवा व धार्मिक कार्यों में संलग्न रहे एवम यह सराहनीय कार्य भी उनके जीवन प्रवृत्ति के अनुरूप है।वसुधैव कुटुम्बकम के दायित्वधारियों की देखरेख में मुरादाबाद आई / नेत्र विभाग की टीम ने कागजी औपचारिकता पूरी कर ब्राह्मलीन श्री मति सुदेश रानी पोपली जी के शरीर से दान की गई आंखे (कॉर्निया) प्राप्त कीं।

वसुधैव कुटुम्बकम् के सह सचिव प्रांशु पैगिया जी ने बताया कि वसुधैब कुटुम्बकम् क्षेत्र के लोगो में नेत्रदान हेतु जागृति लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि बहुत से लोग मानते हैं कि नेत्रदान के दौरान उनकी पूरी आंख निकाल दी जाती है, जिससे आंख का सॉकेट खाली रहता है। जो सच नहीं है। आमतौर पर केवल कॉर्निया जो आंख की सबसे बाहरी परत होती है, बहुत धीरे से निकाली जाती है।
उन्होंने यह भी बताया कि नेत्रदान के लिए जीवित रहते हुए नेत्रदान की कोई घोषणा न करने पर भी किसी के गोलोक गमन के उपरांत भी परिवार जनो की सहमति होने पर भी नेत्रदान हो सकता है।संस्था के सचिव प्रियांशु बंसल जी ने बताया कि नेत्रदान करने से किसी प्रकार का देह भंग नही होता। भारत में कॉर्नियल अंधेपन से पीड़ित लोगों की संख्या करीब 1.2 मिलियन है। यह अंधेपन का दूसरा सबसे आम कारण है। हर साल करीब 20,000 से 25,000 नए मामले सामने आते हैं, नेत्रदान करने से ऐसे लोगो को रोशनी मिल सकती है। उन्होंने ये भी बताया कि नेत्रदान करवाने के लिए वसुधैब कुटुम्बकम् के नेत्रदान सहायता हेतु (24×7)
98370 80678 या 9548799947 पर किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है।
संस्था के संरक्षक योगेश जिंदल जी, अध्यक्ष विकास जैन व संस्थापक सदस्य अजय अग्रवाल, आशीष गुप्ता, दीपक मित्तल, अनुज सिंघल, अंकुर मित्तल, प्रियांशु बंसल, सीए सचिन अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल, संदीप पैगिया ने वसुधैव कुटुंबकम् काशीपुर के अनुरोध पर सम्पन्न कराये इस महान कार्य के प्रति नेत्रदानी परिवार का आभार व्यक्त किया और परम पिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की चिर शांति की प्रार्थना की । साथ ही क्षेत्र वासियों से मरणोपरांत नेत्रदान कराने में सहयोग का आवाहन किया।
ब्रह्मलीन श्री मति सुदेश रानी पोपली जी के नेत्रदान में राजकुमार सेठी जी का विशेष सहयोग रहा।

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