गदरपुर। ग्रीष्म कालीन धान की बुवाई को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा इस वर्ष दी गयी छूट एवं प्रशासन द्वारा 31 मार्च तक दी गयी छूट से किसानों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी है। इसको लेकर किसान संगठन ने पत्रकार वार्ता करते मुख्यमंत्री से स्थिति को स्पष्ट करने की बात कहते हुए कहा कि किसानों को इस वर्ष की पूरी छूट है या 31 मार्च 25 तक की छूट है। भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के प्रदेश अध्यक्ष सलविन्दर सिंह कलसी ने कहा कि जब से मुख्यमंत्री का बयान आया है तक से कुछ बातें और उलझ गयी है। मुख्यमंत्री ने जो कहा कि इस वर्ष ग्रीष्म कालीन धान लगाने की छूट रहेगी। जबकि इस वर्ष का अर्थ होता है दिसम्बर तक का होता है। जबकि पिछले वर्ष का जिक्र नहीं किया है। इससे हमारे किसानों में असमंजस की स्थिति बनी है। उन्होंने कहा कि खासकर काशीपुर के किसानों के अलावा कई अन्य क्षेत्रों के किसानों के भी फोन आ रहे है कि ग्रीष्म कालीन धान अप्रैल वाले को गिना जाये या इस माह वाले को। जबकि कृषि विभाग द्वारा किसानों को 31 मार्च तक के नोटिस जारी किये गये है इसके बाद ग्रीष्म कालीन धान नहीं लगेगा। सलविन्दर सिंह कलसी ने कहा कि डीएम द्वारा पहले ही 31 मार्च तक के लिए कृषि विभाग को निर्देशित किया गया है। लेकिन मुख्यमंत्री की इस घोषणा के साथ कि इस वर्ष की छूट दी गयी है। इससे लगता है, प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को स्पष्ट स्थिति से अवगत नहीे करवाया गया है। वहीं मुख्यमंत्री द्वारा दिये बयान में कहा गया कि इस वर्ष ग्रीष्म धान के प्रतिबंध से हटाते है। सलविन्दर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषण क्या पूरे वर्ष की है या 31 मार्च तक की इसे स्पष्ट किया जाये। इससे उत्तराखंड के किसानों एवं उधम सिंह नगर के किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सलविन्दर सिंह ने कहा कि इस पत्रकार वार्ता के माध्यम से मुख्यमंत्री से स्पष्ट आदेश चाहते है कि 31 मार्च तक छूट है या दिसंबर 25 तक । इस दौरान कुलविंदर सिंह, राजकुमार, अमृतपाल सिंह, सुखविंदर सिंह बठला, हरपाल सिंह, प्रताप सिंह, सुरजीत सिंह आदि मौजूद थे ।

