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गदरपुर। धर्म के क्षेत्र में हजारों की संख्या में अपने धर्म पर अडिग रहकर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले हजारों शहीदों की याद में गुरुद्वारा शहीद सिंघ साहिब ग्राम अंबा वाला मढैया हट्टू तहसील बाजपुर में भारी गुरमत समागम आयोजित किए गए जिसमें दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र से आए सैकड़ो लोगों द्वारा सहभागिता करके अपनी आस्था प्रकट करते हुए शहीदों को नमन किया गया । गुरुद्वारा साहिब में 25 वें शहीदी समागम मनाते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ के भोग के उपरांत दीवान सजाए गए जिसमें रागी भाई कुलदीप सिंह केलाखेड़ा, उत्तराखंड सिख मिशन के कविश्री भाई साहिब सिंह और पंजाब के श्री अमृतसर के नजदीकी ग्राम कत्थू नंगल से आए ढाढ़ी भाई बलवीर सिंह पारस, सारंगी वादक रणजीत सिंह के अलावा बीबी बलवीर कौर और किरण कौर द्वारा शहीदों की दास्तान सुना कर संगत को अपने धर्म पर कायम रहते हुए गुरु के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया । मुख्य सेवादार भाई दिलबाग सिंह ने बताया कि उनके पुरखों के छह परिवारों द्वारा हर वर्ष की भांति शहीदों की याद में कार्यक्रम किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया था जो कि उनके परिवार के लोगों द्वारा आज भी जारी रखा गया है,25 वें शहीदी समागम के दौरान गुरु अर्जन देव जी,गुरु तेग बहादुर,जी, गुरु गोविंद सिंह एवं साहिबजादे,माता गुजरी कौर, भाई मनी सिंह,बाबा दीप सिंह, भाई मती दास,भाई सती दास, भाई दयाला जी,बाबा बंदा सिंह बहादुर,भाई तारु सिंह,सुखा सिंह, मेहताब सिंह,भाई बोता सिंह,गरजा सिंह,शहीद पीर बदरुद्दीन बुद्धू शाह एवं उनके दो पुत्र तथा एक भाई, गनी खान नबी खान,सुबेग सिंह,शाहबाज सिंह,छोटा घल्लू घारा एवं बड़ा घल्लू घारा के शहीद,लाहौर की जेल में शहीद हुई सिख औरतें एवं बच्चे ,कूका लहर,सिंह सभा लहर, गदर लहर, तथा आजादी की लड़ाई में 85% तक कुर्बानियां देने वाले सिख शहीदों, भारत पाक बंटवारे 1947 एवं 1984 तथा वर्तमान में शहीद हुए शहीदों सहित अन्य हजारों शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।इस दौरान भारी संख्या में संगत ने सहभागिता करते हुए शहीदों को नमन किया ।

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