डोईवाला/देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। भारतवर्ष अवतारों की भूमि है और इसमें जितने भी अवतार हुए हैं,उनके द्वारा अपनाए गए दैनिक संस्कारों की कथा सुना कर संस्कारित समाज की स्थापना करने में कथावाचकों को राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उपरोक्त विचार शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने व्यक्त किए वह आज रानी पोखरी के तेलीपुरा गांव में तहसीलदार विनोद तिवारी एवं उनके भाइयों द्वारा अपने माता-पिता स्वर्गीय मघनी देवी,जगदीश तिवारी सहित समस्त पित्रों के मोक्ष के लिए आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिवस उपस्थित आचार्यों सहित विकासखंड डोईवाला के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में उपस्थित कथा श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केवल भगवान के अवतारों की कथा सुनाने एवं सुनने मात्र से समाज का कल्याण नहीं होगा अपितु इसके लिए उन अवतारों ने जिन संस्कारों को ग्रहण कर उनका पालन किया उसको जीवन में उतारने का प्रयास होना चाहिए। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा अधिकारी चुने जाने से पूर्व स्वयं देश एवं विदेशों में 700 से अधिक श्रीमद् भागवत कथाओं को कथा व्यास के रूप में बांचने वाले उत्तराखंड ज्योतिष रत्न के रूप में अंतरराष्ट्रीय जगत में ख्याति प्राप्त शिक्षा अधिकारी डॉ.चंडी प्रसाद ने कहा कि कथावाचकों को चाहिए की स्वयं अच्छा आचरण कर संस्कारित कथाओं के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में अपनी आहुति तय करें। उन्होंने कहा कि आज देश में प्रत्येक व्यक्ति के पास कार हो गई है,परंतु संस्कारों की कमी हो गई है इसलिए देश संस्कारों की अवमानना से गुजर रहा है। कथा व्यास के रूप में दिल्ली से पधारे सुप्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य राकेश डुकलान को अंग वस्त्र एवं फूलमाला पहनाकर स्वागत करते हुए सहायक निदेशक ने कहा कि आचार्य ने उत्तराखंड के जगतगुरु संस्कृत महाविद्यालय सप्त ऋषि आश्रम से शिक्षा ग्रहण कर आज पूरे देश एवं विदेशों में कथाओं के माध्यम से समाज को संस्कारित करने का बेड़ा उठाया है,इसलिए वह स्वयं ऐसे आदर्श आचार्य का सम्मान करना चाहते हैं,उन्होंने कथा के आयोजक तहसीलदार विनोद तिवारी एवं उनके भाइयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनके पितरों के मोक्ष की कामना करते हुए वहां पर नित्य पूजन कर रहे सभी ब्राह्मणों को दक्षिणा देकर सम्मानित किया। मौके पर चित्रकूट अखंड संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.गंगा प्रसाद जोशी,कथा आयोजक विनोद तिवारी,प्रमोद तिवारी,दिनेश तिवारी ,आचार्य रजनीश भट्ट आचार्य दिनेश प्रसाद,राजेश,कृष्णानंद दीपक नौटियाल,जनार्दन नौटियाल,सर्वेंद्र,संजय सहित विकासखंड डोईवाला से दूर-दूर से आए हुए बड़ी संख्या में श्रोता गण उपस्थित थे।

