मसूरी कार्निवाल को लेकर शोभायात्रा आयोजित ना होने पर संस्कृति प्रेमियों ने की निंदा
एसडीएम देहरादून सदर हरि गिरी ने मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल को ब्रोशर पोस्टर लॉच किया। उन्होंने कहा कि 26 से 30 दिसंबर तक मसूरी के विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे जिसमें स्टार नाईट, उत्तराखंड के लोक कलाकारों की प्रस्तुति सहित हेरिटेज वॉक, बैंड वादन, नेचर फोटोग्राफी, बर्ड वाचिंग, सहित अनेक कार्यक्रम होंगे। कार्निवाल का उद्घाटन 26 दिसंबर को गांधी चौक पर कमिश्नर गढ़वाल शाम चार बजे करेंगे। एसडीएम हरि गिरी ने बताया कि 26 से लेकर 30 दिसंबर तक रोज सुबह से शाम व देर रात्रि तक सांस्कृतिक कार्यक्रम व स्टार नाईट के कार्यक्रम होंगे। उन्होंने बताया कि सुबह हेरिटेज वॉक, नेचर फोटोग्राफी व बर्ड वाचिंग से कार्यक्रमों को शुभारंभ होगा व उसके बाद दोपहर में गांधी चौक, गढ़वाल टैरेस, शहीद स्थल, लंढौर चौक पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगे। वहीं शाम को नगर पालिका टाउन हॉल में स्टार नाईट कार्यक्रम होंगे जिसमें उत्तराखंड के पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, बसंती बिष्ट, किशन महिपाल, रेशमा शाह, यूके रापी ब्वॉय, सहित रजत सूद, वरूण जैन, कृष्णा शाह एवं रूहान, निखिल डिसूजा आदि के कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। वहीं आईटीबीपी व सीआरपीएफ बैंड वादन भी होगा। उन्होंने बताया कि सभी कार्यक्रमों की पूरी तैयारी कर ली गई है।विंटर लाइन कार्निवाल में पहली बार सांस्कृतिक यात्रा नहीं निकलेगी। एसडीएम सदर हरि गिरी ने बताया कि उत्तराखंड में निकाय चुनाव घोषित होने पर आदर्श आचार संहिता लग गई है जिस कारण कार्निवाल परेड, सांस्कृतिक यात्रा नहीं निकाली जायेगी। 26 दिसंबर को गांधी चौक पर विंटर लाइन कार्निवाल का अपहरण चार बजे उदघाटन किया जायेगा।
राज्य आंदोलनकारी वं वरिष्ठ संस्कृति कर्मी प्रदीप भण्डारी नें मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल 2024 में सांस्कृतिक शोभायात्रा ना आयोजित करने पर घोर निंदा की है। उन्होने कहा कि मसूरी के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के 75 साल के इतिहास में यह पहला अवसर है जब मसूरी में कार्निवाल शोभा यात्रा नहीं निकाली जा रही है। कार्निवाल का मुख्य वजूद सांस्कृतिक शोभा यात्रा ही होती है जो न सिर्फ सम्पूर्ण मसूरी को जोड़ती है बल्कि शोभा यात्रा ही वह माध्यम है जिससे देश विदेश के पर्यटक उत्तराखण्ड एवं विभिन्न प्रान्तों की खूबसूरत संस्कृति से रुबरु होते हैं । शोभा यात्रा का आकर्षण अनोखा होता है और वृहद स्तर पर कार्निवाल का आगाज़ होता है। मगर प्रशासन अनमने मन से कार्निवाल की औपचारिकता निभाता भर दिख रहा है। ऐसे में धीरे धीरे कार्निवाल खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मसूरी और उत्तराखंड का दुर्भाग्य है कि जो कार्निवाल मसूरी के नाम से होता है उस कार्निवाल की एक भी मीटिंग मसूरी में नगर के नागरिकों एवं संस्थाओं संग नहीं होती। इस बार मसूरी के तमाम वरिष्ठ कलाकारों के कार्यक्रम काट दिए गए हैं। स्थानीय कलाकारों की उपेक्षा और शोभा यात्रा बंद करने के लिए वह मसूरी महोत्सव समिति की कड़ी शब्दों में निंदा की।







