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देहरादून। बाल अधिकार व सुरक्षा पर राज्य स्तरीय जागरूकता एवं संवेदनशीलता कार्यशाला का आयोजन IRDT ऑडिटोरियम, सर्वे चौक में किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग तथा खेल मंत्री उत्तराखंड, श्रीमती रेखा आर्य उपस्थित रहीं। मुख्य अतिथि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों के लिए अपना वीडियो संदेश भेजा एवं उनके प्रतिनिधि के रूप में विश्वास डाबर ने अपने उद्बोधन में बच्चों को अधिक से अधिक सामाजिक गतिविधियों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया एवं बच्चों को खेल में प्रतिभा करने के लिए कहा साथ बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से बच्चों के भविष्य को नए आयाम डे रहे है ।
कार्यशाला की अध्यक्षता उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने की। श्रीमती रेखा आर्य ने अपने संबोधन में बच्चों को संस्कारी बनने के लिए प्रेरित किया और बताया कि उत्तराखंड में खेल आयोजनों की योजना बनाई जा रही है, जिसमें सभी बच्चों से अधिक से अधिक प्रतिभाग करने का आह्वान किया गया। उन्होंने आयोग के कार्यों की सराहना की।

कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारी, अनेक विद्यालयों के बच्चे, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। बच्चों को श्रीमती रेखा आर्य द्वारा सम्मानित किया गया।
डॉ. सुरेखा डंगवाल, कुलपति, दून विश्वविद्यालय ने बच्चों को मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करने और सामूहिकता के महत्व पर जोर दिया। मोहित कोठारी, ARTO, ऋषिकेश ने बच्चों को सड़क सुरक्षा के विषय में जानकारी दी।
डॉ. निशा सिंगला एवं डॉ एस.डी बर्मन जॉइंट डायरेक्टर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखण्ड सरकार ,ने बच्चों के नशे की लत से बचाव और पुनर्वास हेतु कार्यों और प्रावधानों के बारे में बताया। श्रीमती अंजुम फातिमा ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और उससे जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों एवं अभियानों की जानकारी दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के नितीश भुदोला एवं चंद्रवीर सिंह नेगी जी ने पॉक्सो अधिनियम एवं किशोर न्याय अधिनियम पर जानकारी साझा की।
इस अवसर पर महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कंडवाल, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य दीपक गुलाटी,विनोद कपरवान, धर्म सिंह, सचिव शिव कुमार बर्नवाल, अनुसचिव एस.के. सिंह, सलाहकार सुश्री निशात, विधि अधिकारी श्रीमती ममता, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष मुफ़्ती समूम मोहम्मद कासमी, और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष मुकेश कोली सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
कार्यशाला के समापन पर डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि निरंतर ऐसा देखने को मिल रहा है कि कम उम्र के बच्चे विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओ में दुर्घटनाग्रस्त होकर अपनी जान गवा रहे है जिसका एक कारण यह भी है कि पारिवारिक समीकरण बदलते दिखाई दे रहे है । इस प्रकार की जनजागरूकता कार्यशालाएं निरंतर जारी रहेंगी, जिससे बच्चों और उनके कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत समस्त हितधारकों का ज्ञानवर्धन हो सके ।

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