
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड में पहली बार एक साथ संस्कृत के चार प्राथमिक विद्यालयों को मान्यता देने के लिए शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल की पीठ थपथपाई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृत शिक्षा कक्षा 6 से ऊपर तक तो पढ़ाई जाती है,परंतु बेसिक स्तर पर नहीं पढ़ाई जाती थी,इस बात को देखते हुए उन्होंने गैरसैंण विधानसभा सत्र में यह मंशा जाहिर की थी,कि उत्तराखंड के प्रत्येक जनपद में संस्कृत शिक्षा का एक प्राथमिक विद्यालय होना चाहिए,उनकी इस बात को रखते हुए सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने अकेले देहरादून जनपद में ही एक साथ चार विद्यालयों को मान्यता देकर बड़ा काम किया है,जिसके लिए वह सरकार की तरफ से बधाई के पात्र हैं। अपने आवास पर विभाग के उच्च अधिकारियों एवं उपस्थित जनप्रतिनिधियों कार्यकर्ताओं के बीच उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा कभी भी फाइलों को लटकाने की नहीं रहती है,और यही अपेक्षा वह अधिकारियों से भी करते हैं उन्होंने यह भी कहा कि जो भी अधिकारी ऐसा करेगा डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल की तरह उसकी सराहना अवश्य की जाएगी। सहायक निदेशक डॉ.घिल्डियाल ने कहा कि मंत्री जी के स्पष्ट विजन और सचिव एवं निदेशक की त्वरित कार्य प्रणाली की वजह से वह पहली बार जनपद स्तर पर जिलाधिकारी एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा नामित सदस्यों की टीम को साथ लेकर शासन द्वारा मान्यता समिति का सचिव बनाए जाने के बाद ही विद्यालयों को बिना विलंब किए मानकों के अनुसार मान्यता प्रदान कर रहे हैं,इस श्रृंखला में डोईवाला विकासखंड के ऋषिकेश में दो नवचेतना जूनियर संस्कृत विद्यालय एवं श्री कृष्णा देसिक प्राथमिक संस्कृत विद्यालय एवं विकास नगर विकासखंड के हरबर्टपुर में दिव्यांगों के लिए प्राथमिक विद्यालय तथा डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के रानी पोखरी में नव जागृति संस्कृत जूनियर हाई स्कूल को मान्यता प्रदान की जा रही है।अभी अन्य जनपदों में भी प्रयास किए जा रहे हैं।










