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गदरपुर । गुरुद्वारा साहिब शहीद सिंघ साहिब अंबा वाला फॉर्म मढ़ैया हट्टू में विशाल शहीदी समागम का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न स्थानों से पहुंचे पंथ प्रचारकों ने शहीदों की याद में गुरबाणी एवं इतिहास का गायन किया । गत 5 नवंबर को रखे गए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ के भोग के उपरांत विशाल समागम एवं गुरु का लंगर आयोजित किया गया। शाहकोट जालंधर पंजाब से पहुंचे ढाढी जत्था बीबी बलविंदर कौर खैरा द्वारा गुरबाणी का गायन एवं इतिहास के तथ्यों से संगत को अवगत कराया उन्होंने देश धर्म की खातिर शहीद हुए शहीदों तथा श्री गुरु गोविंद सिंह के परिवार द्वारा की गई शहादतों का वर्णन किया । उन्होंने कहा गुरु गोविंद सिंह का वचन है, रहनी रहे सोई सिख मेरा ओह साहिब मैं उसका चेरा ,भावार्थ जो गुरु आशय के मुताबिक रहित मर्यादा अनुसार जीवन यापन करता है वही मेरा असली सिख है और मैं उसका भी चेला हूं।, भाई सरबजीत सिंह शौंकी के कविश्री जत्थे ने कहा कि खालसा पंथ ने हमेशा धर्म की रक्षा की है एवं अन्य लोगों की भी रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प रहा है जिसके चलते गुरु अर्जन देव,गुरु तेग बहादुर ,गुरु गोविंद सिंह एवं उनके परिवार के अलावा अन्य सैकड़ो शहीदों को बार-बार नमन है जिनकी कुर्बानियों से आज देश आजाद हुआ है, जिनमें बाबा दीप सिंह, भाई जीवन सिंह भाई मती दास, भाई सती दास, भाई दयाला जी,भाई मनी सिंह,बाबा बंदा सिंह बहादुर की शहादत एक विशेष उदाहरण है जिन्होंने शहादत देकर देश धर्म की रक्षा की और खालसा पंथ की बुनियाद को खून से सींचा आज का समागम ऐसे शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया है वहीं भाई अमरजीत सिंह के रागी जत्थे द्वारा भी शहीदों की याद में गुरबाणी गायन किया गया । इस मौके पर गुरुद्वारा के मुख्य सेवादार भाई दिलबाग सिंह ढिल्लों ने कहा कि उनके परिवार द्वारा सचखंड वासी बाबा गुरबचन सिंह तथा बाबा दया सिंह की प्रेरणा से यह समागम बापू तारा सिंह एवं माता भगवान कौर एवं समस्त परिवार द्वारा 26 वर्षों से किया जा रहा है । इस मौके पर दूरदराज से आई सैकड़ो संगत ने अपनी सहभागिता प्रदान की।

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